श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण- भाग ३:- रंछोड़ दास
“अरे ! तू अभी तक सो रहा है। चल उठ जल्दी से तैयार हो जा। आज तेरा इंटरव्यू है ना! मैंने तेरी पसंद का नाश्ता बनाया है। जल्दी से नहा- धोकर आ जा।” मां ने बड़े स्नेह से अपने सुपुत्र कि जगाया। उसने चादर के अन्दर से ही जवाब दिया। बस मां मैं नहीं जा रहा किसी इंटरव्यू के लिए। कुछ होता तो है नहीं, बस समय कि बर्बादी होती है। मां बोली- “उठ जा बेटा तेरे पापा ने बड़ी…