
शिक्षक दिवस पर विशेष
शिक्षक बनने का अनुभव भी कमाल का होता है।
शिष्यों के जीवन में दो ही व्यक्तियों का स्थान अधिक महत्वपूर्ण होता है….. अभिभावक एवं शिक्षक।
शिष्य सबसे ज्यादा इन्हीं दो के जीवन से प्रभावित होते हैं एवं इन्हीं दो का अनुसरण भी करते हैं…
शिष्य अपने हर शिक्षक की कोई ना कोई बात, कोई “speciality”, “uniqueness” हमेशा याद रखते हैं। इसी कारण मुझे हमेशा यही लगता था कि यदि मैं शिक्षक बनूं, तो अपने शिष्यों के समक्ष एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करूं, जो उनके जीवन में एक सकारात्मक छाप छोड़े। अतः वे मुझे एक सकारात्मक रूप में स्मरण रखें।
मेरी एक शिष्या ने जब मुझसे कहा कि मेम हम सब आपको “discipline” के लिए याद करेंगे। जब भी कभी हमारे समक्ष “discipline” शब्द आएगा हमें आप याद आओगे। यह सब सुनकर मुझे लगा मानो मेरी कठिन तपस्या फलित हो गई हो। मुझे सही मायनों में गुरु दक्षिणा मिल गई हो। एवं शिक्षक बनने का डर मेरे मन से छू—मंतर हो गया। क्योंकि मैने मेरे शिक्षकों की इसी खासियत पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। सदैव उनसे यही सीखा। अतः अपने शिष्यों को भी यही देने की कोशिश की। अतः अपनी शिष्या से यह “compliment” पाकर मुझे मानो जन्नत ही मिल गई।
ईश्वर की कृपा से मुझे सदैव सकारात्मक शिक्षक ही मिले हैं, एवम् इसके लिए मैं सदैव मेरे शिक्षकों एवम् ईश्वर की आभारी रहूंगी।
आज मैं जो कुछ भी हूं, उसका श्रेय ईश्वर मेरे अभिभावक के अतिरिक्त एक बड़ी प्रतिशत में अपने शिक्षकों को देती हूं।
शिक्षक बनना प्रारम्भ से ही मुझे अधिक कठिन लगता था। ये सत्य भी है कि शिक्षक बनना कड़ी मेहनत का काम है। क्योंकि आप अपने शिष्यों के समक्ष एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे होते हैं। जिसे वे अपने जीवन पर्यन्त स्मरण रखते हैं। आपकी कोई ना कोई ऐसी खासियत से वे अवश्य ही प्रभावित होते हैं। इसीलिए मुझे शिक्षक बनना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगता था।। अतः मैं शिक्षक बनने से सदैव भागती थी।
हमारे समय में हम अपने शिक्षकों से कितना कुछ कहना चाहते थे, उनकी सराहना करना चाहते थे, परन्तु कभी कर नहीं पाते थे। परन्तु आज की पीढ़ी में कोई डर ना होने के कारण वे अपनी भावनाएं शिक्षकों के समक्ष कितनी आसानी से व्यक्त कर देते हैं। फिर भी कितनी खूबसूरती से हमारे शिक्षक हमें handle करते थे।
हमारे शिक्षक हमें कैसे समझ जाते थे, यह मुझे स्वयं शिक्षक बनने के पश्चात् समझ आया। एक बार यदि यह पता चल जाए कि कौनसे दिमाग में कौनसा पकवान पक रहा है, तो उसे और स्वादिष्ट कैसे पकाना है यह भी अच्छे से समझ आ जाता है।
मेरी ओर से मेरे सभी शिक्षकों को शत—शत नमन…..