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श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण- भाग ३:- रंछोड़ दास

श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण- भाग ३:- रंछोड़ दास

“अरे ! तू अभी तक सो रहा है। चल उठ जल्दी से तैयार हो जा। आज तेरा इंटरव्यू है ना! मैंने तेरी पसंद का नाश्ता बनाया है। जल्दी से नहा- धोकर आ जा।” मां ने बड़े स्नेह से अपने सुपुत्र कि जगाया। उसने चादर के अन्दर से ही जवाब दिया। बस मां मैं नहीं जा रहा किसी इंटरव्यू के लिए। कुछ होता तो है नहीं, बस समय कि बर्बादी होती है। मां बोली- “उठ जा बेटा तेरे पापा ने बड़ी…

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श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण- भाग २ (माखन चोर)

श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण- भाग २ (माखन चोर)

एक बेहद ही हास्यास्पद वाक्या मेरे समक्ष आया। जब मैंने दो मित्रों को आपस में झगड़ते हुए देखा एवं सुना। दोनों ही काफ़ी जागरूक, समझदार, सभ्य एवं शिक्षित लग रहे थे। जब दो समझदार, समकक्ष व्यक्ति वार्तालाप करें तो देखने एवं सुनने का आनंद ही कुछ और होता है। दोनों के मध्य एक बात को लेकर जमकर बहस हो रही थी। चूंकि दोनों ही सभ्य थे, तो ज़ाहिर सी बात है कि दोनों ही शब्दों को मक्खन की भांति लपेट-…

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मित्रता(Friendship)

मित्रता(Friendship)

सुना है कि मित्रता बराबर वालों से ही की जानी चाहिए। परन्तु, इतिहास इस बात का गवाह है कि मित्रता में कोई ऊंच- नीच कोई छोटा- बड़ा नहीं होता। परन्तु, इन शब्दों के मध्य हम अंतर ही नहीं कर पाते। क्योंकि हमारे पास समय ही कहां है कि हम हर बात को हर चीज़ के पीछे की गहराई को भली प्रकार से माप सकें। अतः हम सभी से मित्रता करना आरम्भ कर देते हैं। हमारे जीवन साथी, mata- पिता, भाई-…

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“You are Mother of UNIVERSE.”

“You are Mother of UNIVERSE.”

As Mother is creator. You are creator of your life. So, you can create your Universe. And Universe always act on your order and permission. Equation of UNIVERSE:- Creator = Mother, You = Creator,So, You = Creator = Mother. Hence, “YOU ARE THE CREATOR OF UNIVERSE.”

मर्यादा – पुरुषोत्तम राम

मर्यादा – पुरुषोत्तम राम

“राम” का नाम आते ही “मर्यादा – पुरुषोत्तम” शब्द का ज़िक्र ज़रूर आता है। प्रभू श्रीराम ने एक पत्नी व्रत लिया हुआ था। इसीलिए उन्होंने मां सीता के अलावा कभी किसी अन्य स्त्री का वरण नहीं किया। वरण तो दूर, किसी पर स्त्री का ख्याल भी नहीं किया। कभी – कभी मेरे। मन में यह प्रश्न उठता है कि क्या पुरुष का मर्यादा पुरुषोत्तम होना काफ़ी है? क्या सिर्फ यही एक सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार हो सकता है? प्रभु…

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मित्र/दोस्त/संगी/साथी(Friend)

मित्र/दोस्त/संगी/साथी(Friend)

क्या इस संसार में कोई भी आपका मित्र बन सकता है? क्या आपकी पत्नी आपकी मित्र हो सकती है? क्या आपकी संतान आपकी मित्र हो सकती है? क्या आपके माता पिता आपके मित्र बन सकते हैं? क्या आपके भाई बहन आपके मित्र हो सकते हैं? क्या आपके गुरु आपके मित्र बन सकते हैं? सबसे महत्वपूर्ण बात… क्या आप स्वयं आपके मित्र बन सकते हैं? यदि इन सभी रिश्तों का एक – एक कर हम विश्लेषण करें तो हमें सब समझ…

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श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण

श्रीकृष्ण का चरित्र चित्रण

जब भी किसी को हम श्रीकृष्ण के चरित्र चित्रण का वर्णन करने को कहते हैं। लोग अपने हिसाब से, या कहा जाए अपनी सोच के हिसाब से उनकी यूं व्याख्या करते हैं। कोई उन्हें छलिया कहता है, तो कोई उन्हें मायापती के नाम से संबोधित करता है, तो कोई उन्हें रास-रसैया भी कहता है। सभी वर्णन एक तरफ, सबसे ज्यादा हास्यास्पद स्तिथि तब प्रस्तुत होती है, जब लोग उन्हें रास- रसैया कहते हुए बहुत ही कुटिल हंसी हंसते हैं। जब…

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दायित्व (एक बदलाव)

दायित्व (एक बदलाव)

“अरे लोकेश बेटा! जल्दी आओ ।” लोकेश अपनी मां की पुकार सुनकर भागते हुए पहुंचा। दोनों ने माया (लोकेश की पत्नी) के कमरे में प्रवेश किया। गर्भवती माया ने एक सुन्दर-सी, प्यारी-सी बिटिया को जन्म दिया। तीनों नवजात बच्ची के साथ अपने घर पहुंचे। एक दिन माया जब अपनी बच्ची को सुला रही थी। लोकेश ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए दबी हुई आवाज़ में कहा- “सुनो एक बार ज़रा बाहर आओ तो।” माया ने धीरे से बच्ची…

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❤️ WORTH ❤️

❤️ WORTH ❤️

“When you know your worth, You also helps others to realise theirs.” HOW ?!? Because as you know your worth, you always choose the one who really worth you and by not selecting who don’t. And by doing so, they also becomes able to know theirs, by realising, that you choose them out of many because they WORTH YOU. So, they are WORTHY. And so, YOU.”

धर्मनिरपेक्षता(Secularism)

धर्मनिरपेक्षता(Secularism)

हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यह तो हम सभी जानते हैं। परन्तु, क्या हम इसके सही मायनों को कभी समझ पाएं हैं? क्या हम इसकी सही परिभाषा जानते हैं? इस प्रकार यदि कोई आपसे प्रश्न करे, तो आपका उत्तर होगा, जी हां ! धर्मनिरपेक्षता का मतलब होता है सर्व धर्म सम्मत, अर्थात् जहां सभी धर्म समान हैं। परन्तु, इसके पीछे का तथ्य बहुत ही कम लोग जानते एवं समझते हैं। वैसे किसी के हिसाब से धर्मनिरपेक्षता का अर्थ जो…

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